प्रेमानंद महाराज के पैदल यात्रा पर रोक के बाद पैदल यात्रा 10 दिन बाद पुनःप्रारंभ। प्रेमानंद महाराज की पैदल यात्रा का वृन्दावन की महिलाओं ने क्यों किया था विरोध क्या थी असली वजह

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By shikha.sudha90@gmail.com

प्रेमानंद महाराज वृंदावन में पिछले 40 साल से निवास कर रहे हैं वह राधारानी के परम भक्त है वृंदावन के प्रेमानंद जी महाराज के भक्तों की कमी नहीं है. भक्त बड़ी संख्या में उनके आश्रम पहुंचकर उनके दर्शन करते हैं और अपनी जीवन की परेशानी को महाराज की सामने प्रकट करते है । प्रेमानंद महाराज जी की लोकप्रियता देश के साथ-साथ विदेश तक फैली है. महाराज प्रति दिन वृंदावन में अपने आश्रम श्रीकृष्णा शरणम से रात्रि 2 बजे पदयात्रा करते हुए श्री हित राधा केलि कुंज जाते थे. इसे रात्रि दर्शन पदयात्रा कहा जाता है. इस दौरान उनके साथ उनके शिष्य भी होते थे. श्रीकृष्णा शरणम से श्री हित राधा केलि कुंज तक रास्ते और 5 साल से वह रात्रि में अपने निवास स्थान श्री कृष्णा शरणम से राधा कुंज के लिए जाते हैं. जिसका रास्ता 2 किलोमीटर लंबा है. इसी रास्ते में एक एनआरआई ग्रीन सोसाइटी पड़ती है. अभी दस दिन पहले इस सोसाइटी के लोगों द्वारा महाराज जी की यात्रा का विरोध किया गया था. सोसाइटी के लोगों का कहना था कि महाराज जी के शिष्य यहां आकर आतिशबाजी करते हैं और बहुत तेज साउंड बजाते हैं. जिसके चलते महाराज जी की यात्रा 6 फरवरी के बाद से स्थगित कर दी गई थी उसके बाद पुनः उनकी यात्रा प्रारंभ कर दी गई है प्रेमानंद जी की यात्रा बंद करने का कारण उनकी सेहत बताया जा रहा है आईए जानते हैं क्या है वजह.

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प्रेमानंद महाराज जी की पैदल यात्रा पुनः प्रारंभ

मथुरा के वृंदावन के प्रमुख संत प्रेमानंद महाराज ने 10 दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद  अपनी पदयात्रा निकाली. यह पदयात्रा श्री कृष्ण शरणम सोसाइटी से शुरू हुई और संत प्रेमानंद जी के आश्रम हित राधा केली कुंज पहुंच कर सामाप्त हुई. पदयात्रा रात्रि 2 बजे शुरू हुई, जिसमें महाराज जी के हजारों भक्तों ने दर्शन किए. और सबसे मोहक दृश्य देखने को मिला कि जिन सोसायटी के लोगों के विरोध के बाद महाराज जी की पद यात्रा बंद करनी पड़ी थी।

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यात्रा पुनः प्रारंभ होने की वजह

श्रीहित राधा केली कुंज मार्ग स्थित एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के लोगों के विरोध के कारण प्रेमानंद महाराज ने अपनी पदयात्रा रोक दी थी। वह रास्ता बदलकर रमणरेती पुलिस चौकी होकर श्रीहित राधा केली कुंज जाने लगे थे। रविवार को एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष आशु शर्मा ने उनसे मुलाकात की थी। पूरे कॉलोनी वासियों की तरफ से क्षमा याचना की थी। दोबारा इस मार्ग पर यात्रा शुरू करने की अपील की थी। इसके बाद प्रेमानंद महाराज ने लोगों को आस्वस्त किया। जिस वजह से प्रेमानंद महाराज जी यात्रा पुनः शुरू हुई ।

२ बजे जब प्रेमानंद महाराज अपने लोगों के साथ पदयात्रा मार्ग पर निकले तो बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए। प्रेमानंद महाराज के साथ और उनके पीछे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखी। वहां लोग कीर्तन करते और जयकारा लगाते प्रेमानंद महाराज का स्वागत करते दिखाई दिए। बड़ी संख्या में लोग कीर्तन करते भी दिखाई दिए। प्रेमानंद महाराज सबको आशीर्वाद देते आगे और मुस्कुराते आगे बढ़ते दिखे।

प्रेमानंद महाराज के यात्रा बंद होने का कारण

जब प्रेमानंद महाराज जी पद यात्रा निकलती है उस समय तो रात के 2 बजे प्रेमानंद महाराज के रात्रि दर्शन पदयात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु रास्ते के दोनों तरफ उनके दर्शन के इंतजार में खड़े रहते थे. श्रीकृष्णा शरणम से श्री हित राधा केलि कुंज के रास्ते में आने वाले एनआरआई ग्रीन कालोनी के निवासियों ने इस रात्रि यात्रा से होने वाले शोरगुल की शिकायत की थी. रिपोर्ट के अनुसार रात के 2 बजे निकलने वाली इस यात्रा में ऊंची आवाज में होने वाले भजन कीर्तन, पटाखे और आतिशबाजी की आवाज के कारण कालोनी के लोगों की नींद खराब होती है और इसका असर कालोनी के बुजुर्ग और बच्चों के सेहत पर पड़ने लगा था.जिसके कारण यात्रा को बंद करना पड़ा था।

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