
ना कोई डिग्री, ना खास पढाई, ट्रेनिंग फॉर्म से शुरुआत कर, खुद की अलग पहचान बनाई, बने polycap के संस्थापक Inder Jaisinghani billionaire
कहते हैं ना कि एक विशाल वृक्ष के साए में एक पौधा कभी भी अच्छे से फल- फूल नहीं सकता, वही अगर उसे पेड़ को किसी दूसरी जगह लगा लगा दिया जाए तो वह अपनी पूरी ताकत से ना सिर्फ पनपेगा …. क्या पता उस बड़े पेड़ से भी अधिक बलशाली और शक्तिशाली हो जाए, कहने का तात्पर्य यह है कि जब आप अपने आराम जोन में रखते हैं और आपको किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होतीं तब तक आप अपनी क्षमता का आँकलन नहीं कर सकते!
इसका सबसे अच्छा उदाहरण polycap के संस्थापक Inder Jaisinghani हैं, वह पॉलीकैप इंडिया का संचालन करते हैं जो बिजली के तार और केबल बनाने का काम करती है
मुंबई के साधारण चोल से Polycap India कंपनी के एमडी बनने तक का सफर
मुंबई के साधारण चॉल की तंग गलियों से निकलकर भारत के सबसे अमीर व्यक्तित्व की सुची में अपनी जगह बनाने वाले polycap India कंपनी के एमडी Inder Jaisinghani के सफलता की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं, 2024 में 8.4 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ Inder Jaisinghani की यात्रा दूरदर्शी , नेत्रत्व संकल्प और ग्राहक प्रथम के उनके नजरिए का प्रमाण है उन्होने साबित किया है अगर कोई इंसान जो निश्चय के साथ बढ़कर परिस्थितयों का सामना करता है तो जीत अंत में उसकी होती है.
इंदर का जन्म ठाकुर दास जय सिंघानी के घर मुंबई के लोहार चॉल के एक गरीब परिवार में हुआ था ठाकुरदास के लोहार चॉल में ही एक छोटी सी सिंध इलेक्ट्रॉनिक नाम की दुकान थी, इस दुकान से उनके परिवार का भरण पोषण करना कठिन था जब इंदर 15 साल के थे तो उन्हें आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण विद्यालय छोड़ना पड़ा और पारिवारिक व्यवसाय में लग गए, वह तग- हाली से जैसे तैसे लड़ रहे थे, कि उनके पिता का निर्धन हो गया अब परिवार की सारी जिम्मेदारियां इंद्र के कंधों पर आ गयी हालंकी उन्हें कभी भी कठिनाइयों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और हिम्मत से उनका मुकाबला किया.
मुश्किलों से भरा रहा उनका प्रारंभिक सफर
ट्रेंडिंग फर्म के रूप में शुरुआत
Inder Jaisinghani ने 1986 में ट्रेंडिंग फर्म के रूप में अपनी कंपनी की शुरुआत की थी, उनके 1000 वर्ग के एक छोटे से गैरज में polycab की स्थापना की थी, बिना किसी औपचारिक शिक्षा के Inder Jaisinghani ने अपनी व्यावसायिक सोच के साथ बाजार की मांग को समझा और अवसरों को पहचाना ,सालो तक संघर्ष करने के बाद गुजरात के हलोल में एक भी वीनिर्माण इकाई स्थापित की उनकी विशेष रणनीतियाँ ने उन्हें आगे बढ़ाने में काफी मदद की.
Polycap की शुरुआत संघर्ष और त्याग से भरी रही क्योंकि व्यवसाय को व्यवस्थित रूप से खड़ा करने में काफी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है इंदर का और उनके भाइयों का मंत्र था”पैसा ही पैसा बनता है”ऐसे में उन्हें व्यवसाय से होने वाले मुनाफ़े का बड़ा हिस्सा Polycap में ही लगाया गया एक छोटे से चोल से निकल कर लगता है नया कीर्तिमान लिखने वाले इंदर को वर्ष 1997 में Polycap का अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एमडी नियुक्त किया गया. 2019 में जय सिंघानी ने कंपनी को सार्वजनिक कर दिया. 2022 में बिजली क्षेत्र में सकारात्मक वृद्धि से Polycap के शेयर को जबरदस्त बढ़ावा मिला इसी का नतीजा है, कि इंदर 2021 में भारत के अरबपतियों की सुची में शामिल हो गए.
Polycab का 70 से अधिक देश में कारोबार
Inder Jaisinghani नया प्रयोग करने से कभी नहीं कतराते इसी का परिणाम है कि उन्होने अपनी कंपनी को ना केवल भारत का सबसे बड़ा तार और केबल निर्माता बने बल्कि सबसे तेजी से बढ़ने वाली फास्ट मूविंग इलेक्ट्रॉनिक माल कंपनियों में से एक बनाया, भारत के नवीन शहरों में अपने उत्कर्ष सेवाओं के साथ Polycap दुनिया भर के 70 से अधिक देशों में अपनी सफलता के झंडे गाडे हुए हैं.
फ़ोर्ब्स की सुची में नाम
Inder Jaisinghani को मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, अजय पीरामल सहित प्रसिद्ध हस्तियां के साथ फ़ोर्ब्स की साल 2023 की 100 सबसे अमीर भारतीयों की लिस्ट में शामिल किया जा चूका है,विशेष रन्नितियों की बदौलत ही उनकी नेट वर्थ 1 साल में लगभग दुगनी हो गई है यही कारण था कि वह फोर्ब्स की सुची में छठे स्थान से 32 स्थान पर पहुंच गए.इसके अलावा 2008 में विश्व बैंक की निजी क्षेत्र की निवेश शाखा इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन ने पॉलीटेक वायस में 12 फिसदी के हिस्सदारी से ख़रीदी थी.
युवाओं के लिए Inder Jaisinghani की कहानी एक सीख है
1.जीवन के मुश्किल क्षण ही आपको मजबूत बनाते हैं।
2.अपने सूझ-बुझ के दम पर विपरीत परिस्थितियों में भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है.
3.पथरीले रास्तो पर चलने वाले और विपरीत हलातो से लड़ने वाले ही मंजिल तक पहुँचते हैं.
4.सकारात्मक सोच, धैर्य, लगन और कड़ी मेहनत सफलता के चाभी है.
5.अपने काम में इमानदारी रखने वाले कभी निराश नहीं होते.
कह सकते हैं कि सच्ची मेहनत और लगन से किया गया कार्य एक ना एक दिन रंग लाता है.