Jhansi Medical College मैं कैसे नन्हीं किलकारियां दर्दनाक मातम में बदल गई

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By shikha.sudha90@gmail.com

Jhansi Medical College में आग का तांडव 10 मासूम बच्चों के दर्दनाक मौत कौन है इसका जिम्मेदार नर्स की गलती या शॉर्ट सर्किट?

Jhansi Medical College fire painful death
Jhansi Medical College fire painful death

 

शुक्रवार दिनांक 15 11 2024 का दिन उत्तर प्रदेश के शहर Jhansi में एक दर्दनाक हादसे का ग़वाह बन गया,किसी को नहीं पता था कुछ नन्ही जाने जो इस धरती पर एक नए जीवन का सपना लेकर आई थी वह सपना पल भर में टूट जाएगा और वह एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो जाएंगे,उनकी किलकारियाँ सदा के लिए मौत के आगोश में समा जाएंगी.

Jhansi Medical College में दर्दनाक अग्निकांड-

Jhansi के Maharani Laxmibai Medial college में शुक्रवार रात 10:45 बजे बाल रोग विभाग के NICU वार्ड में भीषण आग लग गई इस आग के चैपेट में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई तथा वार्ड के दरवाजे खिड़की तोड़कर 37 बच्चे बाहर निकले गए जिसमें से पांच बच्चों के झुलसने की सूचना मिली, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसर मेडिकल कॉलेज में 10:30 बजे के बाद आग लग गई जब तक स्टाफ को कुछ समझ में आता, तब तक आग तेज हो चुकी थी और वार्ड में धुआं भर गया था , लेकिन सबसे दुखद घटना यह थी कि उस समय मेडिकल कॉलेज में अग्निशमन प्रणाली का उपयोग करने, से कोई मदद नहीं मिल सकी और 10 बच्चे जिंदा जल गए जो इस दुनिया में अपना पहला कदम रखना था और इस दर्दनाक हादसे का शिकार हो गए,

ना अलार्म बजा ना ,ना ही फायर उपकरण अपना काम कर पाये

Jhansi Medical College में आग का वाहन का फायर अलार्म नहीं बजता है अगर अलार्म बजता तो शायद इतना बड़ा हादसा ना होता, वही वार्ड में लेकर फायर से बचाव के उपकरण भी किसी काम नहीं आए,

jhansi Medical College में कैसे आग लगी,कौन है उन मासूमों की मौत का ज़िम्मेदार

jhansi medical College  वार्ड में आग कैसे लगी, ये बात अभी तक साफ नहीं हो पाई है फायर अफसरों के मुताबिक बिजली की ओवरलोडिंग से आग लगने की सबसे ज्यादा संभावना जताई जा रही है लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि सिलेंडर फटने की वजह से आग लग गई,अब यहां तक कहां गया है कि स्टाफ की लापरवाही की वजह से भी आग लग गई. प्रत्यक्षदर्शी बोल रहे हैं कि अगर स्टाफ थोड़ी सी हिम्मत दिखाता तो शायद आज वह मासूम जिंदा होते जो इस दर्दनाक हादसे में जिंदा जल गए.

Jhansi Medical College में आग लगने के धुएं और हाहाकार के बीच वहां का स्टाफ भागा

लगभग करीब 10:30 बजे का वक्त था और कॉलेज के शिशु विभाग के कमरे में धुआं उठना शुरू हुआ जब तक स्टाफ और तीमारदार कुछ समझते आग ने विकारल रूप धारन कर लिया सबसे नई बात यह रहेगी वहां का स्टाफ और डॉक्टर मेडिकल कॉलेज के पिछले दरवाजे से भाग निकले काश वह दो-दो बच्चों को अपने साथ लेकर बाहर निकलते, तो वह मासूम आज जिंदा होते जो इस दर्दनाक हादसे का शिकार हो गए.

Jhansi Medical College के अग्निकांड में सरकार का क्या है कदम-

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से झाँसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग की ऊँची स्टारियाँ जाँच समिति गठित कर दी गई है या

जाँच समिति तीन प्रकार की जाँच करेगी

1.स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जांच
2.अग्नि विभाग की तरफ से जांच
3.जिला पुलिस की ओर से जांच

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि इस हादसे की जांच होगी किसी भी को बख्शा नहीं जाएगा,जो इस अग्निकांड के लिए ज़िम्मेदार होंगे

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी का निर्देश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने Jhansi Medical College के एनआईसी में हुई अग्निकांड पर गहरा दुख जताया और कहा कि दोशियों को सजा दी जाएगी इसके साथ ही घटना की सूचना प्राप्त होते ही सीएम योगी ने डिप्टी मुख्यमंत्री ब्रिजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को मौके पर भेजा और पूरी रात घाटनस्थल से पल-पल की जानकारी लेते रहे तथा मीडिया में चल रही खबरें पर भी नजर बनाए रखा

deputy CM Brajesh Pathak
deputy CM Brajesh Pathak

 

क्या घटना में पीड़ित परिवार जानों का बुरा हाल है

इस अग्निकांड में अपने बच्चे को गवाने वाले परिवार जानों का रो-रो के बुरा हाल है उनके दिल का टुकड़ा इस दुनिया को देखने से पहले ही इस दर्दनाक हादसे का शिकार हो गए पीड़ित परिवार का दर्द बयान नहीं किया जा सकता उसे परिवार का क्या हाल होगा जो अपने बच्चे को जिंदा जलते हुए देख कर भी ना बचा पाए काश वाह अपने मासूमों को बचा पाते

सीएम योगी का पीड़ित परिवार जनो को मुआवजे का एलान

सीएम योगी ने इस घाटना में आज समय अपनी जान गवाने वाले बच्चों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता तथा घायल बच्चों के परिवार जानों को 50- 50 हजार की आज ठीक सहायता तत्काल देने का एलान किया
यह घाटना त्रासदी की सबसे दुखद घाटना है जिसका जिसका शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता अपने बच्चे के खोने का दर्द माता-पिता से बेहतर कोई नहीं समझ सकता ,एक पल में उनके आने की खुशी मातम में तबदिल हो गई ,कोई भी सरकार का मुआवजा उनके बच्चों को वापस नहीं ला सकता, क्योंकि पैसे से चीजें खरीदी जा सकती हैं किसी की जिंदगी नहीं

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