जिसका शौक था ग्लैमर की दुनिया का लेकिन अचानक ऐसा क्या हो गया कि वह बन गई “दक्षिण की अम्मा” जयललिता :The journey from the world of glamour to “Amma of the South” Jayalalithaa:
जी हां हम बात कर रहे हैं जयललिता जी की जो तमिलनाडु की 6 बार सीएम बनी और “दक्षिण की अम्मा “बन कर सबके दिलों में राज किया, उनको तमिलनाडु के लोग भगवान की तरह पूजते हैं, यह महिला विधायक जे. जयललिता थीं, जो तमिलनाडु में विपक्ष की पहली महिला नेता थीं, वह तमिल फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार भी रह चुकी थी, जिनकी सफलता उनको फिल्म जगत में मिली उससे कई गुना ज्यादा सफलता उनको राजनीति करियर में मिली तो आइए आज हम जानते हैं जयललिता जी के बारे में…
15 साल की छोटी सी उम में अपने स्कूल की टॉपर, 18 साल की उम में एक सुपर स्टार और 22 साल की आयु में तमिलनाडु का सबसे लोकप्रिय चेहरा और 40 साल की उम में अपने राज्य के सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री बनीं जयललिता, 5 दिसंबर को उनकी पुण्यतिथि पर आइए हम उनके बारे में जानते हैं और उनके जीवन में घटीत-घटनाओं के बारे में जानते है.
कौन थी जयललिता ?
“जयललिता,” नाम में ही विजय सा एहसास प्रतीत होता है, वैसे ही वह अपनी जिंदगी में साम -दाम, दंड- भेद का प्रयोग कर तमिलनाडु के लोगों के दिलों में राज करती हैं, जयललिता का पूरा नाम सेल्वी जय जयललिता,वह एक सफल भरतनाट्यम संगीत प्रेमी अभिनेत्री और कुशल लेखिका रही है, इस महान हस्ती का जन्म एक तमिल परिवार में 24 फरवरी 1948 कर्नाटक के मलूर कोर्ट गांव में हुआ था पिता का नाम जय रामन और माता का नाम संध्या था वह बचपन से वकील बनना चाहती थी लेकिन समय को कुछ और ही मंजूर था 2 साल की कम आयु में उनके पिता का देहांत होने के कारण दसवीं तक की पढाई बहुत ही मुश्किल हो गई उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, स्थिति अच्छी करने के लिए उन्होने फिल्मी दुनिया की ओर अपना रुख किया.
4 साल की छोटी सी उम्र में शुरू किया, संगीत का सफर:
जय ललिता ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि जब मैं 12 साल की थी तब भरतनाट्यम का पहला प्रदर्शन दिया था, लेकिन इस कार्य में मेरी कोई सहमती नहीं थी, मैं अध्ययन के क्षेत्र में जाना चाहती थी, मुख्य प्रसिद्ध अर्थशास्त्र अमर्त्य सेन की तरह नोबेल पुरस्कार जितना चाहती थी और वकील बनकर कैरियर शुरू करना चाहती थी, लेकिन मेरी माँ चाहती थी कि मैं एक डांसर बनू और फिल्म में काम करू, उन्होने मेरी 4 साल की उम्र में ही ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी थी, लेकिन मुझे यह सब पसंद नहीं था इसलिए मेरी इस कार्य को लेकर बहुत बहस हुई जब मैं 16 साल की हुई तो मेरी माँ ने मुझे एक्टिंग की दुनिया में आने का दबाव बनाने लगी मैं इसके खिलाफ थी मैं एक लड़की थी घर से भाग नहीं सकती थी, भाई की पढ़ाई थी, दादाजी रिटायर हो गए थे ये सब चीजें देख कर मुझे एहसास हुआ कि हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और मैंने फिल्म जगत की यात्रा शुरू कर दी,
कैसा रहा जयललिता का फिल्मी सफर:
15 साल की आयु में कन्नड़ फिल्मे शुरू कर दी थी, उसके बाद जयललिता ने तमिल फिल्मों की और रुख किया, दिलचस्प बात यह है कि जयललिता वह पहली अभिनेत्री है जिन्होने तमिल फिल्म जगत में उस समय स्कर्ट पहन कर अभिनय करना शुरू किया,उनकी जोड़ी साउथ फिल्म अभिनेता एम जी रामचंद्रन बने , यह जोड़ी सुपर डुपर हिट रही, उन्होने कम से कम 300 से अधिक फिल्मों में काम किया जिसमें से तमिल, कन्नड़ और हिंदी शामिल थी.
किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ:
एक अभिनेत्री से राजनेत्री बनीं और 6 बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनी। जयललिता जी की राजनीति जीवन की शुरुआत एमजीआर के कारण हुई , जब एमजीआर साल 1977 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने थे तब उन्होने जयललिता को राजनीति में आने का न्योता दिया और 1982 में उनके सक्रिय राजनीति जीवन की शुरुआत हुई, एमजीआर के सहयोग से 1984 में राज्यसभा के सदस्य बन गई और बहुत ही कम समय में राजनीति में काम्याबी हासिल कर ली,और गरीबों की मसीहा बन गई 1991 में गरीबों का समर्थन पाकर सीएम बन गई. तमिलनाडु की राजनीति में जे. जयललिता महज एक शख्सियत का ही नहीं बल्कि ‘लार्जर देन लाइफ’ का रोल प्ले करती हैं। और अम्मा के नाम से उन्हें कई ब्रांड शुरू किए..
MGR जिन्होने उनका हाथ थाम कर उन्हे सफलता की सीढ़ी पर चढाया उनके साथ उनही के शव पर ऐसा व्यवहार:
जयललिता अपने मसीहा MGR की जीवन भर होकर रहीं; पर उनकी अंतिम यात्रा मे उनके साथ जो हुआ, क्या प्यार का ये अंजाम सही था ?
राजनीति सफर में जयललिता के गुरु साथी या कहें उनके हमसफर MGR रहे जयललिता को राजनीति में लाने का श्रेय MGR को जाता है,लेकिन 24 दिसंबर 1987 को एक दुखद घटना घटी हुई MGR जो उस समय सीएम थे उनका निर्धन हो गया MGR के निर्धन से जयललिता पुरी तरह टूट गई मानो उनकी जिंदगी से सारे रंग किसी ने एक पल एक पल में छीन लिए हो वह एमजीआर एक झलक पाने के लिए पागलों की तरह उनके घर की तरफ दौड़ी लेकिन उनकी पत्नी ने दरवाजा नहीं खोला उनकी पत्नी जानकी ने दरवाजा नहीं खोला और जय ललिता को गलियां देते हुए वहां से भागा दिया,
फिर भी जयललिता ने हार नहीं मानी क्योंकि अपमान का दर्द एमजीआर की एक झलक पाने से कम था. वह एमजीआर के झलक पाने के लिए डायन कुलटा, घटिया औरत कि गलियां भी बर्दाश्त कर गई और MGR के पार्थिक शरीर को देखने के लिए राजा जी हॉल पहुंची,और दौड़ते हुए उनके पार्थिव शरीर से लिपट गई, उनको समाज की कोई फ़िक्र नहीं थी कि उनको कौन देख रहा है कौन नहीं देख रहा है MGR उनके मार्गदर्शक थे वह उनसे बेहद नाज़दिकी और भवनात्मक लगाओ से जुड़ी हुई थी, जयललिता MGR केशव को लगतार देखे जा रही थी और मन ही मन महसुस कर रही थी कि जिसने उनसे वादा किया था कि वह अम्मा का जिंदगी भर ख्याल रखेंगे लेकिन वह व्यक्ति अब इस इस दुनिया को छोड़ कर जा चुका है जयललिता मानसिक और शारीरिक यातना सहते हुए दो दिन तक बेसुध होकर वहीं खड़ी रही,
लेकिन दर्द का सिलसिला यहीं तक नहीं रुका MGR की पत्नी जानकी ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर उनको वहां से भगाने की पूरी कोशिश की, उनको नखुनों से नोचा गया उनके बाल खींचे गए उनके पैरो को कुचला गया, पर वो इतना टूट चुकी थी की उस समय उनके उस बड़े दर्द के आगे बाकी सारी तकलीफ महसूस ही नहीं हो रही थी !
दर्द का सिलसिला रुका नहीं जया MGR की अंतिम यात्रा की गाड़ी में चढ़ना चाहती थी लेकिन सैनिकों ने जानकी के इशारे पर उन्हें धक्का देकर नीचे गिरा दिया इस घटना से उनको काफी चोटेआई तब वह अपमान का घुट पिकर अपने गम को, दर्द को मन में छुपा कर अपने घर वापस आ गई और जीवन भर शादी ना करने का संकल्प लिया या MGR त्याग के प्रति उनका लगाव था, या प्रेम था या कुछ और ये बात तो जय ललिता और एमजीआर के सिवा कोई नहीं जानता अब दोनो इस दुनिया में नहीं है.
जयललिता का “अम्मा” ब्रांड क्या है?
जयललिता को अम्मा के नाम से जाना जाता है उनको अम्मा के नाम से क्यों जाना जाता है आइए आज हम आपको बताते हैं उनको दक्षिण के लोगों के लिए बहुत कलाकार लोगों का दिल जीत कर उनके दुख समझ कर उनके दिल में एक मां की तरह जगह बनाई, उन्होने अम्मा कैंटीन नाम से योजना चलाई जिसमें सबसे सस्ते दाम में भोजन लोगों को खिलाया जाता था, इसके साथ-साथ ही उन्हें अम्मा के नाम से योजनाएं चलाएं जैसे अम्मा मिनरल वाटर , अम्मा सब्जी भंडार, अम्मा सीमेंट स्टोर, अम्मा फार्मेसी इने सब जगह पर सस्ते दर पर सामग्री उपलब्ध कराई जाती थी. धीरे-धीरे तमिलनाडु के हर व्यक्ति के दिल पर ये अम्मा ब्रांड बस गया और उन्हें भगवान के रूप में हर घर में पूजा जाने लगा..
कुछ वक्त मुश्किलों भरा:
जयललिता का कुछ वक्त मुश्किलों में भी रहा जब उन्हें कई धंधलियों में गिरफ़्तार किया गया, उनका लालाच उनको ले डूबा उनके पास कई संपत्ति, सोने के आभूषण प्राप्त किये गये. लेकिन उन्हें फिर से नई शुरुआत कर राजनीतिक जीवन में शुरू किया और आलम धीरे-धीरे इतना अच्छा हो गया कि नरेंद्र मोदी को टक्कर दी.
जयललिता के जीवन के कुछ अन्छुए पहलु:
जयललिता ने शादी क्यों नहीं की जयललिता की शादी उनके दोस्त के बेटे से तय हुई थी लेकिन कुछ करण बस ये शादी नहीं हो पाई उसके बाद जयललिता जी ने शादी ना करने का निर्णय लिया और अपना सारा जीवन समाज सेवा में दिया लेकिन उनके अफेयर्स की चर्चाएं बहुत होती रहती हैं कह सकते हैं कि” हर किसी को मुक्कमल जहां नहीं मिलता किसी को जमीं पर आसमान नहीं मिलता” हां ये पंक्ति जयललिता के लिए बिल्कुल सही है, जय ललिता जी को जिनसे प्यार हुआ या तो पहले से शादीशुदा थे या उनका प्यार किसी कारणवश अधूरा रह गया,
जय ललिता का जीवन उतार व चढ़ाव से भरा रहा उन्हें कभी जीवन में कामयाबी और कभी निराशा का दौड़ देखने को मिला लेकिन जयललिता जी ने हिम्मत नहीं हारी और आज वह हर तमिल वासी के दिल में अम्मा बनकर रहती हैं और तमिलवासियों भी उन्हे भगवान की तरह पूजते है जय ललिता की मृत्यु 68 वर्ष में 5 दिसंबर 2016 को उनके दिल की धड़कन रुकने से हुई.
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Very heart touching story
💐💐😢😢